कानूनी मान्यता नहीं!
❌ भारत में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी तौर पर मान्यता नहीं दी गई है।
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शादीशुदा पार्टनर? कोई अधिकार नहीं!
अगर आपका पार्टनर पहले से शादीशुदा है, तो आपको कोई कानूनी फायदा नहीं मिलेगा।
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साझा संपत्ति? भूल जाइए!
♀️ आपके पार्टनर की संपत्ति पर आपका कोई कानूनी दावा नहीं है।
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गुजारा भत्ता? बिल्कुल नहीं!
लिव-इन पार्टनर एक-दूसरे से गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते।
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विरासत में संपत्ति? मुश्किल!
⚰️ एक शादीशुदा पार्टनर अपने मृत लिव-इन पार्टनर की संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं बन सकता।
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घरेलू हिंसा से सुरक्षा? उम्मीद की किरण!
️ कुछ कानून घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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भारत में अभी तक लिव-इन कपल्स के लिए कोई रजिस्टर्ड पार्टनरशिप का प्रावधान नहीं है।
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शादीशुदा जोड़ों को मिलने वाले टैक्स छूटों का फायदा लिव-इन पार्टनर्स को नहीं मिलता।
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लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे को मां का नाम तो मिलता है, लेकिन पिता का नाम पाने के लिए कानूनी प्रक्रिया जरूरी हो सकती है।
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वकील से सलाह लें!
⚖️ खुद को सुरक्षित करें! लिव-इन रिलेशनशिप में आने से पहले किसी वकील से सलाह लें।
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