धारा 90 – गर्भपात करने का इरादा रखने वाला कृत्य जिससे मृत्यु होती है
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 90, गर्भपात करने के इरादे से किया गया ऐसा कृत्य है, जिससे किसी महिला की मृत्यु होती है, तो वह गंभीर अपराध माना जाता है। इस धारा के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति ने गर्भपात करने के उद्देश्य से किसी महिला को प्रताड़ित किया या शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचाया, जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है।
धारा 90 के प्रावधान:
- इरादे से गर्भपात: यदि कोई व्यक्ति किसी महिला का गर्भपात करने का इरादा करता है और इस इरादे से उस पर कृत्य करता है, जिससे महिला की मृत्यु हो जाती है, तो यह धारा लागू होती है।
- प्राकृतिक या अप्राकृतिक मृत्यु: यदि महिला की मृत्यु गर्भपात के कारण अप्राकृतिक तरीकों से होती है, तो यह धारा 90 के अंतर्गत आती है। इसे हत्या के समान माना जा सकता है।
- सजा: इस धारा के तहत, आरोपी को गंभीर सजा दी जाती है, जो हत्या के प्रयास के समान हो सकती है।
महत्वपूर्ण तत्व:
- कृत्य का इरादा: यह महत्वपूर्ण है कि आरोपी का उद्देश्य महिला का गर्भपात करना था। यदि इस इरादे से कोई शारीरिक क्षति होती है, जिससे महिला की मृत्यु हो जाती है, तो इसे अपराध माना जाता है।
- प्रमाण: इस अपराध को साबित करने के लिए यह आवश्यक है कि आरोपी का इरादा स्पष्ट रूप से गर्भपात करने का हो। मृत्यु के कारणों का निष्कर्ष चिकित्सा विशेषज्ञ की रिपोर्ट से प्राप्त किया जाता है।
संबंधित प्रावधान:
- धारा 312 (IPC): यह धारा गर्भपात के अपराध से संबंधित है, जिसमें किसी महिला को गर्भपात कराने के लिए मजबूर करना और उसे शारीरिक नुकसान पहुँचाना अपराध है।
- धारा 304B (IPC): दहेज हत्या के मामलों में यह धारा लागू होती है, जिसमें दहेज के कारण महिला की मृत्यु होती है, लेकिन यदि यह गर्भपात से जुड़ी परिस्थितियों में हो तो धारा 90 लागू हो सकती है।
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महत्वपूर्ण न्यायिक फैसले (Case Laws)
- राजू बनाम राज्य (Raju v. State)
इस मामले में, आरोपी ने गर्भपात करने के इरादे से महिला को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, और इस कृत्य के परिणामस्वरूप महिला की मृत्यु हो गई। कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया और उसे कठोर सजा दी। - राजमनी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (Rajmani v. State of Uttar Pradesh)
इस मामले में, आरोपी ने महिला को गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया और उसे शारीरिक नुकसान पहुँचाया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। उच्च न्यायालय ने आरोपी को हत्या का दोषी माना और उसे सजा सुनाई। - साधना शर्मा बनाम दिल्ली राज्य (Sadhana Sharma v. Delhi State)
इस मामले में आरोपी ने महिला के गर्भपात करने के इरादे से उसके साथ शारीरिक कृत्य किया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। अदालत ने इसे हत्या का प्रयास माना और आरोपी को सजा दी।
निष्कर्ष:
धारा 90 के अंतर्गत, गर्भपात के इरादे से किया गया कृत्य, जिससे महिला की मृत्यु होती है, एक गंभीर अपराध है। इसे हत्या के समान माना जाता है और इसके तहत आरोपी को कठोर सजा मिल सकती है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को गर्भपात के दौरान सुरक्षा प्रदान करना और ऐसे अपराधों को रोकना है।