केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि नाबालिग द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर उसके अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी ठहराया जा सकता है, भले ही नाबालिग को दोषी न पाया गया हो। यह निर्णय मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के तहत लिया गया है, जिसमें तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
मुख्य बिंदु:
- नाबालिग द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी ठहराया जा सकता है।
- मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के तहत तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
- नाबालिग के खिलाफ आरोप साबित न होने पर भी अभिभावक या वाहन मालिक पर मुकदमा चल सकता है।
केरल उच्च न्यायालय का निर्णय
केरल उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के तहत नाबालिग द्वारा अपराध किए जाने की स्थिति में उसके अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी ठहराया जा सकता है। न्यायमूर्ति बेचू कुरियन थॉमस की पीठ ने कहा कि नाबालिग द्वारा अपराध किए जाने की पुष्टि आवश्यक है, लेकिन इसके लिए नाबालिग को दोषी ठहराना अनिवार्य नहीं है।
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अन्य मामलों में भी लागू
यह निर्णय कई मामलों में लागू किया गया है, जहां नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने के कारण उनके अभिभावकों या वाहन मालिकों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए थे। इन मामलों में अपराधीकरण की प्रक्रिया को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई थीं।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के तहत, यदि नाबालिग वाहन चलाते समय अपराध करता है, तो उसके अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत तीन साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
अन्य कानूनी प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 336 के तहत भी अपराध दर्ज किया जा सकता है, जिसमें तीन महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 336 के तहत भी अपराध दर्ज किया जा सकता है।
सामाजिक महत्व
न्यायालय ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने से होने वाले दुर्घटनाओं को रोकना है। यह प्रावधान अभिभावकों और वाहन मालिकों पर जिम्मेदारी और आपराधिक दायित्व डालता है, ताकि वे नाबालिगों को वाहन चलाने से रोक सकें।
अन्य राज्यों में भी लागू
यह निर्णय अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है। पुणे, गाजियाबाद और श्रीनगर में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं, जहां नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर उनके अभिभावकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
निष्कर्ष
केरल उच्च न्यायालय का यह निर्णय नाबालिगों द्वारा बिना लाइसेंस वाहन चलाने के मामलों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह निर्णय अभिभावकों और वाहन मालिकों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत करता है और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
Sources
- Guardian Of Minor Driving Vehicle Without Licence Can Be Prosecuted U/S 199A MV Act Even In Absence Of Finding Of Minor’s Guilt: Kerala HC, Live Law.
- Can Vehicle owner be jailed if a minor takes car for a spin? Here’s the Motor Vehicles Act – India Today, India Today.
- Pune: Guardians To Face Charges After Minors Caught For Reckless Motorcycle Driving Without License – Punekar News, Punekar News.
- Court convicts guardian for allowing minor to drive – Greater Kashmir, Greater Kashmir.
- Ghaziabad cops book parents of 13 underage drivers | Ghaziabad News – Times of India, Times of India.