नई दिल्ली: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 विवादों में घिरी हुई है. इस परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कथित तौर पर हुए प्रश्नपत्र लीक और परीक्षा में धांधली की जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की गई है.
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी, उस दौरान कई जगहों से प्रश्नपत्र लीक होने की खबरें सामने आईं. इन खबरों के चलते परीक्षा की पवित्रता पर सवाल उठाए गए हैं. साथ ही, याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में भी अनियमितताएं पाई गईं.
याचिका में क्या है?
शिवंगी मिश्रा और अन्य उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि परीक्षा के दौरान कई तरह की खामियां सामने आईं, जिनमें कई केंद्रों से प्रश्नपत्र लीक होने की खबरें भी शामिल हैं. याचिका में आरोप लगाया गया है कि “कथित प्रश्नपत्र लीक ने परीक्षा की पवित्रता को भंग किया है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है.”
याचिका में आगे कहा गया है कि “कई उम्मीदवारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा मनमाने ढंग से अनुग्रह अंक दिए गए.” याचिका में यह भी आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश दे ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों को दंडित किया जा सके.
एनटीए को नोटिस जारी
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह शामिल थे, ने याचिका पर सुनवाई की और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह इस मामले में एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करे.
क्या है एनटीए का कहना?
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, एनटीए को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना होगा, जिसमें वह परीक्षा के दौरान कथित तौर पर हुई खामियों और मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों को स्पष्ट करेगी.
क्या है छात्रों का कहना?
नीट-यूजी 2024 के नतीजों को लेकर छात्रों में काफी असंतोष है. कई छात्रों का दावा है कि परीक्षा में तकनीकी खामियां थीं, जिसके कारण उन्हें परेशानी हुई. इसके अलावा, कुछ छात्रों ने अनुग्रह अंक दिए जाने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं.
10 जून को दिल्ली में कई छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा में अनियमितताओं की जांच की मांग की. छात्रों का कहना है कि यदि परीक्षा में धांधली हुई है, तो यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
आगे क्या होगा?
नीट-यूजी 2024 विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है. कोर्ट का आगामी फैसला परीक्षा की वैधता और परिणामों को प्रभावित कर सकता है. यह देखना होगा कि एनटीए सुप्रीम कोर्ट में कैसा जवाब दाखिल करता है और क्या सीबीआई जांच का आदेश दिया जाएगा.
परीक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत
नीट-यूजी 2024 विवाद एक बार फिर परीक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है. इस मामले ने कई अहम सवाल खड़े किए हैं, जिनका जवाब ढूंढना जरूरी है.
- परीक्षा सुरक्षा: प्रश्नपत्र लीक होना एक गंभीर मुद्दा है, जो परीक्षा की पवित्रता को खतरे में डालता है. यह देखने की जरूरत है कि भविष्य में परीक्षा सामग्री की सुरक्षा कैसे मजबूत की जा सकती है.
- तकनीकी खामियां: कई छात्रों ने परीक्षा के दौरान तकनीकी खामियों की शिकायत की है. एनटीए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में परीक्षा ऑनलाइन मोड में सुचारू रूप से आयोजित की जाए.
- अनुग्रह अंक देने की प्रक्रिया: अनुग्रह अंक देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव भी विवाद का एक कारण है. एनटीए को भविष्य में अनुग्रह अंक देने के लिए स्पष्ट और पारदर्शी मानदंड निर्धारित करने चाहिए.
- परामर्श प्रक्रिया: नीट-यूजी परीक्षा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. परीक्षा परिणामों में किसी भी तरह की देरी या अनिश्चितता छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर सकती है. एक सुव्यवस्थित परामर्श प्रक्रिया होनी चाहिए ताकि छात्रों को समय पर कॉलेजों में प्रवेश मिल सके.
निष्कर्ष
नीट-यूजी 2024 का विवाद छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा जगत के लिए एक चिंता का विषय बन गया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाएगा. यह उम्मीद की जाती है कि इस विवाद से सबक लेते हुए भविष्य में नीट-यूजी परीक्षा को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और सुचारू रूप से आयोजित किया जाएगा. साथ ही, यह भी जरूरी है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार लाया जाए ताकि मेडिकल कॉलेजों में योग्य और मेधावी छात्रों का चयन हो सके.