बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) की डेब्यू फिल्म ‘महाराज’ (Maharaj) को लेकर पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा चल रही थी। फिल्म 14 जून को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज होने वाली थी। मगर, अब फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी गई है। गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है। आइए जानते हैं फिल्म की रिलीज रुकने के पीछे क्या वजह है और अब आगे क्या होगा?
हिंदू समूहों की आपत्ति!
फिल्म ‘महाराज’ को लेकर सबसे पहले विवाद तब खड़ा हुआ जब कुछ हिंदू समूहों ने फिल्म के ट्रेलर और कथानक पर आपत्ति जताई। उनका आरोप है कि फिल्म महाराज लाइबेल केस (Maharaj Libel Case) पर आधारित है, जो 1862 का एक विवादित मामला था। इस मामले में पुष्टिमार्गी संप्रदाय (Pushtimarg Sect) के संस्थापक वल्लभाचार्य (Vallabhacharya) के पोते के खिलाफ मानहान का मुकदमा दायर किया गया था। हिंदू समूहों का कहना है कि फिल्म से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और ये समाज में गलत संदेश जाएगा।
हाईकोर्ट में याचिका!
हिंदू समूहों की आपत्तियों के बाद पुष्टिमार्गी संप्रदाय के श्रद्धालुओं और भगवान कृष्ण (Lord Krishna) के भक्तों की ओर से गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं का दावा था कि फिल्म से सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है और हिंदू धर्म के खिलाफ हिंसा भड़क सकती है।
हाईकोर्ट का फैसला!
गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस संगीता विशेन (Justice Sangeetha Vishen) ने 14 जून को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं और ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी किया है और उन्हें 18 जून को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
फिल्म निर्माता दे रहे हैं चुनौती!
फिल्म ‘महाराज’ के निर्माता यशराज फिल्म्स (Yash Raj Films) और नेटफ्लिक्स हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, निर्माता कोर्ट में फिल्म की कहानी और उसका मकसद स्पष्ट करेंगे। उनका कहना है कि फिल्म किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को आहत नहीं करती, बल्कि ये सच्ची घटना पर आधारित कहानी है।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म ‘महाराज’ की कहानी 1862 के भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित है। उस वक्त देश में सिर्फ तीन ही यूनिवर्सिटी थीं। रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) उस वक्त सिर्फ एक साल के थे और 1857 का विद्रोह (Sepoy Mutiny) अभी भी लोगों के जेहन में ताजा था। ऐसे हालातों में एक शख्स कानूनी लड़ाई लड़कर न्याय दिलाने के लिए खड़ा होता है। फिल्म इसी ऐतिहासिक कानूनी लड़ाई की कहानी कहती है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर और
कथानक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि ये वही महाराज लाइबेल केस से प्रेरित है। फिल्म के लेखक सौरभ शाह (Saurabh Shah) का कहना है कि फिल्म धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करती और ये इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को सामने लाने की कोशिश है।
क्या है महाराज लाइबेल केस?
महाराज लाइबेल केस 1862 का एक विवादित मामला है। इस मामले में पुष्टिमार्गी संप्रदाय के संस्थापक वल्लभाचार्य के पोते गोस्वामी हित हरिবংश (Goswami Hit Harivansh) के खिलाफ मानहान का मुकदमा दायर किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने ब्रिटिश अखबार “Bombay Gazette” में वल्लभाचार्य के बेटे गोस्वामी विट्ठलनाथ (Goswami Vitthalnath) के खिलाफ मानहकारी टिप्पणियां प्रकाशित की थीं।
ये मामला काफी लंबा चला और अंत में हित हरिवंश को अदालत से बरी कर दिया गया। हालांकि, इस मामले ने उस वक्त धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर काफी बहस छेड़ दी थी।
फिल्म रिलीज पर रोक से जुड़े अहम सवाल!
फिल्म ‘महाराज’ की रिलीज पर रोक से जुड़े कई अहम सवाल खड़े हो गए हैं। पहला सवाल ये है कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को किसी धार्मिक समूह की भावनाओं से ऊपर रखा जाना चाहिए? दूसरा सवाल ये है कि फिल्मों को ऐतिहासिक घटनाओं को चित्रित करते वक्त कितनी रचनात्मक स्वतंत्रता लेनी चाहिए? तीसरा सवाल ये है कि क्या फिल्मों के ट्रेलर और प्रचार सामग्री से ही किसी फिल्म के मकसद को आंका जा सकता है?
आगे क्या होगा?
फिलहाल फिल्म ‘महाराज’ की रिलीज पर रोक लगा दी गई है। अब 18 जून को होने वाली सुनवाई में कोर्ट फिल्म निर्माताओं और याचिकाकर्ताओं की दलीलों के आधार पर फैसला करेगा कि फिल्म रिलीज हो सकती है या नहीं। अगर कोर्ट फिल्म की रिलीज की अनुमति देता है, तो ये फिल्म निर्माताओं के लिए बड़ी जीत होगी। वहीं, अगर कोर्ट फिल्म की रिलीज पर रोक लगा देता है, तो ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े कर सकता है।
इस पूरे मामले पर देशभर में नजरें हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार कोर्ट किस तरह का फैसला सुनाता है और फिल्म ‘महाराज’ का भविष्य क्या होता है।